
करनाराम गोदारा
टी. बी. रोग से मुक्ति
पता
करनाराम गोदारा पुत्र श्री हेमाराम गोदारा निवास- गाँव पोस्ट नेहरों का बेरा प्रथम नोखड़ा, वाया सिणधरी तहसील- गुड़ामालानी, जिला-बाड़मेर (राज.)मैं एक गरीब परिवार का लड़का हूँ, पेशे से ड्राईवर हूँ। पिछले 3 साल से टी.बी. से ग्रसित था। मैंने सर्वप्रथम गुजरात के मेहसाना जिले में बालाजी हॉस्पितटल में जाँच कराई तो डॉ. जीतु आर.पटेल ने टी.बी. होना बताया तथा डेढ़ साल तक नियमित दवाईयाँ ली। लेकिन कोई फायदा नहीं हआ। बल्कि रोग दुगुना बढ़ता गया।
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फिर मैंने जोधपुर में डॉ.के.सी. अग्रवाल से इलाज कराना शुरु किया। एक साल तक इलाज चला लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि मेरा शरीर पूरी तरह जकड़ गया। मेरा पूरा परिवार परेशान हो गया। मेरे भाई व पिताजी ने सब तरह के प्रयास किये जहाँ भी जाने को किसी ने कहा, मुझे वे वहाँ ले गए। लेकिन स्थिति मरणासन्न जैसी हो गई। किसी ने मुझे गुरुदेव के सिद्धयोग दर्शन के बारे में बताया कि उनका ध्यान करने से सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
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गुरुदेव की असीम कृपा से मेरे जीवन में रोशनी की नई किरण जगी। बाड़मेर में 29 मई 2008 को शक्तिपात दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित होना था। जगह जगह होर्डिंग व पोस्टर आदि लगे हुए थे। मैं बेसब्री से दीक्षा कार्यक्रम का इंतजार करने लगा।
मैंने जब लगातार आराधना की तो मैं ठीक हो गया। मेरे घर परिवार की और भी बहुत सी समस्याओं का समाधान हो गया। गुरु कृपा से मुझे नया जीवन मिला।
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29 मई, 2008 को मैने गुरुदेव से शक्तिपात-दीक्षा लेकर नियमित नाम-जप व ध्यान शुरु किया, तो यौगिक क्रियाएँ स्वतः ही शुरु हो गई। मुझे आनंद आने लगा। मुझे पूर्ण विश्वास हो गया कि अब मैं ठीक हो जाउँगा। मैंने जब लगातार आराधना की तो मैं ठीक हो गया। मेरे घर परिवार की और भी बहुत सी समस्याओं का समाधान हो गया। गुरु कृपा से मुझे नया जीवन मिला।
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इलाज में 1 लाख 46 हजार रूपये खर्च हुए पर कोई फायदा नहीं हुआ।
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अनुभूति:- ध्यान में गुरुदेव दिखाई दिये, मुझे ज्ञान हुआ कि गुरु कृपा बिना जीवन में कुछ भी नहीं है। आमजन से- मेरा तो यही कहना है कि 100 दवाँओ से एक दुआ बलवती है। गुरु कृपा के बिना जीवन में कुछ नहीं है। अतः आप लोग गुरुदेव की तस्वीर से ध्यान करके देखो।