गुरु दक्षिणा

हमारे ग्रंथों में गुरु का स्थान ईश्वर से भी ऊपर बताया गया है। आध्यात्मिकता के पथ पर गुरु का स्थान अद्वितीय है। जीवन में सद्‌गुरु ईश्वर कृपा व सौभाग्य से ही मिलते हैं न कि मानवीय प्रयास से। गुरु-शिष्य परम्परा में गुरु दक्षिणा का विधान है।

गुरु अपने शिष्य के आध्यात्मिक कल्याण की ही देखरेख नहीं करता है बल्कि दिव्य परमात्मा जिसे हम ईश्वर कहते हैं उस तक शिष्य के पहुँचने के लिये एक पुल का कार्य करता है। गुरु के इस अद्वितीय प्रेम, करुणा व कृपा से कृतार्थ होकर, आभार स्वरूप शिष्य द्वारा दी हुई भेंट को दक्षिणा कहते हैं।
  • दक्षिणा पैसे के रूप में, भौतिक कार्य या गुरु का सन्देश, अन्य आत्मसाक्षात्कार के इच्छुक व्यक्तियों तक पहुँचाने की सेवा के रूप में हो सकती है। यह भेंट एच्छिक होनी चाहिए क्योंकि गुरु इसकी माँग नहीं करते हैं।

  • योग में ऐसा मानना है कि गुरु शिष्य सम्बन्ध तभी पूर्ण रूप से परिपक्व होते हैं जब शिष्य आध्यात्मिक लक्ष्य प्राप्त करने अथवा योग के मार्ग पर वांछित प्रगति होने पर गुरु को दक्षिणा भेंट करता है। ऐसी कोई निर्धारित विधि नहीं है कि गुरु को दक्षिणा किस तरह देनी चाहिए।

  • आर्थिक एवं भौतिक स्थिति के अतिरिक्त यह गुरु के प्रति शिष्य की कृतज्ञता एवं आदर के स्तर पर मुख्यतः निर्भर करती है। एक सच्चा गुरु जैसे गुरुदेव सियाग अपने शिष्य द्वारा छोटी से छोटी वस्तु जैसे फूल या फल जो कृतज्ञतापूर्वक भेंट किये जाते हैं, उन्हें कृपापूर्वक स्वीकार करते हैं।

  • शिष्य की आध्यात्मिक योग्यता इस बात पर निर्भर नहीं करती कि वह कितना ज्यादा और क्या गुरु को भेंट करता है बल्कि इस पर निर्भर करती है कि वह अपने आध्यात्मिक उत्थान में गुरु की सहायता के प्रति कितनी गहरी कृतज्ञता महसूस करता है।

  • शिष्य अपनी इच्छानुसार एक रूपया, एक पैसा या फिर एक फूल भी सप्रेम भेंट कर सकता है। लेकिन यह भेंट खुशीपूर्वक सम्पूर्ण मन से दी हुई होनी चाहिए तभी गुरु उसे स्वीकार करते हैं।

लोग सोचते हैं कि गुरु को दान दे रहे हैं, लेकिन सत्य यह है कि गुरु को दान की कभी आवश्यकता नहीं होती और न गुरु को कभी दान दिया जा सकता है। जिस प्रकार सूर्य, हवा, बादल, पानी आदि शक्तियों को केवल ह्रदय से धन्यवाद ही दिया जा सकता है उसी प्रकार गुरु के प्रति तो केवल कृतज्ञता ही व्यक्त की जा सकती है।

सिद्धयोग दर्शन के प्रचार-प्रसार हेतु संस्था में योगदान दिया जा सकता है।

A/C Name: Adhyatma Vigyan Satsang Kendra

  • A/C No. : 34033768041
  • Bank : State Bank of India
  • Branch : Chopasani Housing Board, Jodhpur (C.H.B )
  • IFSC Code : SBIN0012846
शेयर करेंः