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घनश्याम चौधरी

अपने बेटे हेमंत चौधरी के बारे में कथन

हीमोफीलिया से मुक्ति​​

पता

16,व्यास काॅलोनी, नागौर (राजस्थान) भारत

श्रीमती सुनीता व घनश्याम चौधरी बताते है कि हमारा बेटा हेमन्त जो अभी 11 वर्ष का है। इसके जन्म से ही हीमोफीलिया (जिसमें चोट लगने पर खून का थक्का नहीं जमता व खून लगातार बहता रहता है उस बीमारी को चिकित्सा विज्ञान में हीमोफीलिया कहते हैं।) बीमारी थी।

  • हेेमन्त जब डेढ़ वर्ष का था उस समय वह सिर के बल गिरा तो उसके सिर में खून जमा होकर बड़ी गाँठ बन गयी जिसको ऑपरेशन से निकाला गया व खून ज्यादा बह गया तो हेमन्त को दो बोतल खून चढ़ाना पड़ा। उसके दो माह बाद हेमन्त फिर गिर गया तो दाँत से उसकी जीभ कट गई तो लागातार 7 दिन तक खून बहना बंद नहीं हुआ।

  • फिर जोधपुर उम्मेद अस्पताल में भर्ती कराया व इसके बाद 23.05.2002 को हेमन्त फिर गिर गया तो उसके दाँतो के नीचे ठोढ़ी पर चोट लगी तो वहाँ पर खून जमा होकर बड़ी गाँठ बन गयी। ऐसा बार-बार होने पर जोधपुर के रक्त रोग विशेषज्ञ डाॅ. मनोज लाखोटिया ने हेमन्त के ब्लड फेक्टर 8 और 9 की जांच करवाई जो कि दि. 24.08.2002 को रेनबेक्सी लेब मुंबई से जांच होकर आई जिससे पता चला कि हेमन्त को हीमोफीलिया बीमारी है। तो डाॅ. मनोज लाखोटिया ने बताया कि इस बीमारी का चिकित्सा विज्ञान में कोई इलाज नहीं है।

फिर एक दिन हम, हमारे भाणजे के घर गये तब उन्होंने बताया कि मामाजी आप हेमन्त को पूज्य सदगुरुदेव श्री रामलालजी सियाग साहब के पास ले चलो।
  • तो हमने भाणजे के साथ दि. 31.07.2003 को गुरुदेव के पास बीकानेर जाकर दीक्षा ली व हेमन्त की बीमारी के बारे में गुरुदेव को बताया तो पूज्य गुरुदेव ने कहा कि हेमन्त की बीमारी ठीक हो जाएगी, इसको लौंग देते रहो। फिर हमने बीकानेर आश्रम से लौंग लिये व उनके बताये अनुसार आज्ञा चक्र पर गुरुदेव की फोटो का, आँख बंद करके ध्यान लगाना शुरू किया। तो हेमन्त 10-15 दिन बाद से ही ठीक होना शुरू हो गया।

  • अब हेमन्त पूर्ण रूप से ठीक हो गया है, अब इसके चोट लगने व दाँत गिरने पर सामान्य बच्चों की तरह ही थोड़ा सा खून आता है व पूज्य गुरुदेव की कृपा से बन्द हो जाता है।

  • अतः हीमोफीलिया रोग से पीड़ित व अन्य कोई रोग जिसका चिकित्सा विज्ञान के पास ईलाज संभव नहीं है, लोगों से यही निवेदन है कि पूज्य समर्थ सदगुरुदेव द्वारा बताये गये नाम जप व ध्यान योग से शरीर में जो रोग हैं वो अपने आप ही बिना किसी दवाई के ठीक हो जाते है। यह हमारा अटल विश्वास है।

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