Image विक्टोरिया सोसा

विक्टोरिया सोसा

स्जोग्रेन सिन्ड्रोम से मुक्ति

पता

स्पेन

सद्‌गुरुदेव के चरणों में मेरा प्रणाम! मेरा नाम विक्टोरिया सोसा है। मेरी आयु 57 वर्ष की है। मैं स्पेन में रहती हूँ। मैं आप सबको अपने जीवन का एक बहुत ही अद्भुत अनुभव बताना चाहती हूँ जो गुरुदेव की कृपा के कारण हुआ। मै बहुत ही खुश हूँ।

  • 2008 से ही मेरी आँखों में तकलीफ शुरू हो गई थी। डाॅक्टरों ने इसे स्जोग्रेन सिन्ड्रोम बताया जो कि एक प्रकार का ऑटो इम्यून डिस्ऑर्डर है। जिसमें शरीर की ग्रंथियाँ जो की आँसू और थूक बनाती हैं वो नष्ट हो जाती हैं जिसके कारण मुँह और आँख सूख जाते हैं। मैंने इसके लिए डाॅक्टरों के द्वारा बताए इलाज किऐ- आँखों में आई ड्राॅप्स डाली और 2011 में एक छोटा सा ऑपरेशन भी करवाया। फिर भी मेरी आँखों में जरा सा भी सुधार नहीं हुआ। फिर भी मैं हर दूसरे महीने डाॅक्टरों के चक्कर काटती रही। डाॅक्टरों के यहाँ के चक्कर मार्च 2020 में कोविड-19 के कारण रुके।

  • दिसम्बर 2019 से मैंने गुरुदेव की तस्वीर से ध्यान करना शुरू किया और धीरे-धीरे सभी दवाईयाँ बंद कर दी क्योंकि मुझे उनसे फायदे के बजाय नुकसान ही हो रहा था। आज 6 महीने के बाद जब मैं आँखों के डाॅक्टर के पास गई तो मेरी आँखों को पूर्णतः ठीक देखकर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ और वो आपस में इस चमत्कार के बारे में बातें करने लगे। आज मैं गुरुदेव की अत्यंत आभारी हूँ कि उनकी कृपा से मैं इस असाध्य बीमारी से बिलकुल ठीक हो गई हूँ।

  • ये बीमारी ठीक हो जाने से अब मुझे कहीं बाहर जाने पर आँखों पर धूप का चश्मा नहीं लगाना पड़ता। अब मुझे हर घंटे पर आँखों में दवा डालने की चिंता नहीं करनी पड़ती, वो दवा जिन्होंने मेरी आँखों को अन्दर से खुर्दरा कर दिया था। अब मुझे अपनी आँखें रेत के थैले जैसी नहीं लगती। अब मैं चिंता मुक्त हो गई हूँ। डाॅक्टरों ने मेरा खून यूरोलाॅजी सिरम बनाने के लिए लिया था पर अब उसकी कोई जरूरत नहीं रही।
  • जब भी मैं ध्यान करती हूँ मेरा ध्यान गहरा और सार्थक लगता है। गुरुदेव के लिए मन और हृदय में सच्चा प्यार व सेवा जगती है। ध्यान में होने वाली अनेक यौगिक क्रियाओं के लिए गुरुदेव को मेरा अनन्त कोटि आभार।

  • मेरा सभी से अनुरोध है कि रोग मुक्ति एवं आत्मक्षात्कार के लिए प्रतिदिन 15-15 मिनट का ध्यान और संजीवनी मंत्र का जाप करें। गुरुदेव सियाग सिद्धयोग पूर्णतः निःशुल्क है। आपको न कहीं जाने की जरूरत है और न ही अपनी जीवनशैली में कोई बदलाव लाने की आवश्यकता है।

  • इस ध्यान के अनगिनत फायदे हैं। आप सभी प्रकार की बीमारियाों, नशों, भय, चिंता, चिड़चिड़ापन, पागलपन आदि समस्याओं को मात दे सकते हो। ये तो सिर्फ छोटी सी बात है, इस सिद्धयोग का तो असली लक्ष्य आत्मसाक्षात्कार तथा मानव का दिव्य रूपान्तरण है। गुरुदेव को मेरा अत्यंत आभार एवं प्रणाम।

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