नियम में यह लिखा है, अन्य भाषा तथा अन्य जुबान के व्यक्तियों से क्या मैं नहीं बोलूंगा? और फिर भी क्या वह उस सबके लिये नहीं सुने जायेंगें, ईश्वर कहता है।
कुरिन्थियों १४:२१
सम्बद्धता:
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यहाँ श्लोक में स्पष्ट कहा गया है कि ईश्वर अपने मसीहा के अवतार में अपने शिष्यों के साथ विदेशी भाषा में बात करेगा अर्थात् शिष्य भी विदेशी भाषा में ही बात करेंगें, फिर भी विदेश में वे महान आदर के साथ सुने जायेंगे।
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गुरुदेव सियाग तथा उनके नजदीकी शिष्य हिन्दी बोलते हैं- (भारतीय भाषा) जो दूसरे देशों में रहते हैं उनके लिये विदेशी भाषा है और वे उनका सन्देश भारत से बाहर फैला रहे हैं।