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गणेशराम जाखड़

दिव्य प्रकाश के दर्शन होना

पता

गणेशराम जाखड़ (अध्यापक) गांव- बागोरिया, तहसील- भोपालगढ़, जिला- जोधपुर

समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग व शिव अवतारी बाबा श्री गंगाई नाथ जी योगी को कोटी-कोटी वन्दन प्रणाम। मैंने 13 मई 1999 को गाँधी मैदान जोधपुर में सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग से दीक्षा ली। दीक्षा लेने के बाद नियमित रूप से नाम जप व ध्यान करना शुरू किया।

  • दो-चार दिन बाद ध्यान के दौरान रीढ़ की हड्डी के अन्तिम सिरे में जोरदार झटका लगा व प्रत्यक्ष महसूस हुआ कि कुण्डलिनी शक्ति जाग्रत होकर उपर की ओर चलने लगी। ध्यान में असीम आनन्द प्राप्त होने लगा व विभिन्न प्रकार की यौगिक क्रियाएँ व आसन जैसे - हलासन, शीर्षासन व प्राणायाम स्वतः होने लगे। मैंने सुबह व शाम ध्यान करना शुरू कर दिया।

  • नाम जप स्वतः होने लग गया व हर समय आनन्द की स्थिति बनी रहती है। ध्यान में कई बार दिव्य गंध प्रत्यक्ष महसूस हुई व भगवान श्री कृष्ण के दर्शन हुए।

ध्यान में असीम आनन्द प्राप्त होने लगा व विभिन्न प्रकार की यौगिक क्रियाएँ व आसन जैसे - हलासन, शीर्षासन व प्राणायाम स्वतः होने लगे। नाम जप स्वतः होने लग गया व हर समय आनन्द की स्थिति बनी रहती है। ध्यान में कई बार दिव्य गंध प्रत्यक्ष महसूस हुई व भगवान श्री कृष्ण के दर्शन हुए।
  • एक दिन ध्यान के दौरान सुबह के समय शरीर के अन्दर अण्डाकार आकार का तेज प्रकाश पुंज दिखाई दिया। कभी-कभी तेज चमकदार चिन्गारी शरीर के आस-पास दिन के समय भी घूमती नजर आती है। जैसा कि गीता में भगवान ने कहा है कि मैं प्रकाश के रूप में सर्व व्यापक हूँ। गुरुदेव से जुड़ने के बाद जीवन में भय खत्म हो गया है तथा प्रतिपल गुरुदेव का सहारा मिलता है। जिन कार्यों को गुरुदेव को समर्पित करके शुरू करते हैं, वे सहज में ही पूर्ण हो जाते हैं।

  • गुरुदेव मेरे पूरे परिवार की रक्षा करते हैं व किसी प्रकार की बाधाओं को नहीं आने देते हैं। गुरुदेव मेरे लिए भगवान हैं। ईश्वर सगुण साकार रूप में गुरुदेव के रूप में इस धरती पर प्रकट हुए हैं तथा सम्पूर्ण मानव जाति को देव रूप में परिवर्तित करके इस धरती पर आने वाले हजारों वर्षों के लिए सुख व शान्ति प्रदान करेंगें। मेरा मानव जाति से यही कहना है कि समय रहते समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण कर अपने जीवन को सुखी बनाओ। वास्तविक सच्चाई व प्रत्यक्ष परिणाम गुरुदेव का ध्यान करने से ही मिलेगा। जय गुरुदेव।

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