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धाऊ देवी

गले के कैंसर से मुक्ति

पता

धाऊ देवी पत्नी अचलाराम ग्राम-रामसर (कलाऊ) तहसील- शेरगढ़, जिला जोधपुर

मेरे गले में दर्द लगातार रहने पर मेरे पति ने मेरे को गाँव के स्वास्थ्य केन्द्र में कंपाउंडर को दिखाया, तो कंपाउंडर ने कुछ दवाई दी। जब दवाई लें तब तो दर्द मिटता व बाद में वापिस दर्द होने लग जाता। इस प्रकार काफी महीनों तक गाँव के स्वास्थ्य केन्द्र से इलाज कराया। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। दर्द ज्यों का त्यों ही रहा व गले में सूजन बढने लग गई।

  • तब मेरे घर वालों ने मेरे को मथुरादास माथुर अस्पताल में दिखाया। तब डॉक्टर ने गले का चैकिंग किया। तो रिपोर्ट में गले में ट्यूमर कैंसर घोषित कर दिया। तथा डॉक्टरों ने अस्पताल में भर्ती करके किमोथैरेपी देने की बात कही। तब घर वालों ने मेरे को मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती कर दिया व एक माह व 20 दिन अस्पताल में भर्ती रखा व 30 केमोथैरेपीयाँ दी।

  • कैमोथैरेपी से मेरा शरीर बिल्कुल ही कमजोर हो गया व मुझ में उठने व बैठने की भी ताकत नहीं रही। डॉक्टरों ने कहा कि हमने तो हमारा इलाज कर दिया है अब घर ले जाओ व दवाई गोलियां लेते रहो। कैंसर का पूर्ण इलाज संभव नहीं है।

रोज सुबह शाम गुरुदेव के फोटो के सामने बैठकर ध्यान लगाना शुरु कर दिया तो ध्यान के दौरान मेरे को योग शुरू हो गया व धीरे धीरे गले में सूजन मिटने लगी व मैंने रोटी खाना शुरू कर दिया। अब मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ। दिन में तीन बार खाना खाती हूँ व घर का सारा काम करती हूँ। मेरे को तो गुरुदेव ने नया जीवन दिया है। अतः मेरे लिए गुरुदेव भगवान है।
  • मेरी हालत खराब होती जा रही थी, मेरे गले से खाना निगलना भी बंद हो गया। मेरे देवर कस्तूराराम ने गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग की आराधना करने का तरीका बताया व कहा कि गुरुदेव के ध्यान करने से असाध्य रोग मिट जाते हैं। मेरे गाँव के निकटवर्ती गाँव कलाऊ में गुरुदेव का आश्रम है, मुझे वहाँ ले गए, वहाँ पर रह रहे गुरुदेव के शिष्यों ने तस्वीर से ध्यान कराया तथा कहा कि आप नियमित ध्यान व नाम जप करती रहो, तो आपका कैंसर ठीक हो जाएगा।

  • मैंने ऐसा ही किया गुरुदेव का फोटो घर के आले में एक जगह स्थापित कर दी व रोज सुबह शाम फोटो के सामने बैठकर ध्यान लगाना शुरु कर दिया। तो ध्यान के दौरान मेरे को योग शुरू हो गया व धीरे धीरे गले में सूजन मिटने लगी व मैंने रोटी खाना शुरू कर दिया, गले में कोई अड़चन नहीं होती थी।

  • इस प्रकार मैं लगातार गुरुदेव का ध्यान करती रही व दिनांक 28 अगस्त 2008 को जोधपुर जाकर गुरुदेव से दीक्षा ली। उसके बाद मैं गुरुदेव के बताये नाम का जप व सुबह-शाम ध्यान करती रही। और अब मैं बिल्कुल, पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ। दिन में तीन बार खाना खाती हूँ व घर में घर का सारा काम करती हूँ। मेरे को तो गुरुदेव ने नया जीवन दिया है। अतः मेरे लिए गुरुदेव भगवान है।

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