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पतासी देवी

कमद दर्द (स्लिप-डिस्क) से मुक्ति

पता

पतासी देवी, जोधपुर

मैं गुरुदेव से दीक्षा लेने से पूर्व कई देवताओं के यहाँ जाती रहती थी क्योंकि मेरे शरीर में कई राक्षसी शक्तियों का प्रकोप रहता था जिससे कई बार मेरा गला अवरुद्ध हो जाता था। शरीर में तड़पन लग जाती थी। कई समय तक बेहोश रहती थी और गले से आवाज नहीं निकलती थी। 7-8 दिन तक सोती रहती थी और कितनी भी रोटियाँ खिलाने पर खा लेती थी तो भी किसी प्रकार का खाना खाने का अनुभव नहीं होता था कि मैंने भोजन कर लिया है।शरीर की शक्ति क्षीण हो गई थी।

  • एक ग्लास पानी भी नहीं पी सकती थी। इसके लिये डॉक्टरों से खूब इलाज करवाया। डॉक्टर नींद की गोली दे देता और कहता "किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं हैं आराम करो।" बहुत सी जगह दिखाया कोई फर्क नहीं पड़ा। आखिर में सभी घर वाले हार चुके थे।

  • मेरे कमर में अचानक दर्द हो गया था तो एक साल डॉक्टर की दवाइयाँ ली कोई फर्क नहीं पड़ा। फिर किसी ने कहा कि बिजली का झटका लगवाओ। यह करने पर कुछ दिन दर्द ठीक हो गया। लेकिन कुछ समय बाद वापस तकलीफ हो गई। इस प्रकार जीवन में कई कष्ट भोग रही थी। एक दिन समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलालजी सियाग के शिष्य आर.डी. देवल जो कि मेरे पति के मित्र हैं उन्होंने गुरुदेव के बारे में बताया और गांधी मैदान में ले जाकर गुरुदेव से दीक्षा दिलवायी। दीक्षा लेकर मैं घर आ गई।

एम.आर.आई टेस्ट करवाया जिसमें एल2 में स्लिप-डिस्क बताई गई जिसके कारण मेरा चलना-फिरना, हिलना-डुलना सब बंद हो गया और मैं मानसिक रूप से यह सोचती थी कि अब मैं कभी उठ नहीं सकूँगी। एक दिन यौगिक कियाओं के चलते ही मैं आश्रम में गुरुदेव के पास चली गई। गुरुदेव ने मेरे सिर पर हाथ फेरकर प्यार से कहा कि सब ठीक हो जाएगा। फिर मैंने सारी दवाईयाँ छोड़ दी और लेटे-लेटे मंत्र जाप व ध्यान करने से मैं धीरे-धीरे ठीक हो गई। धैर्य रखना जरूरी है।
  • मैं अनपढ़ हूँ इसलिये मुझे मंत्र के बारे में न तो कुछ समझ में आया और न मुझे मंत्र याद रहा। दूसरे दिन मैंने अपने पति से मंत्र के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा-आज तो बहुत देर से उठी हो, सब बच्चे उठ गये, उनके सामने नहीं बता सकते। कल सुबह जल्दी उठना तब बताएंगे। अगले दिन प्रात: 5 बजे नींद में ही मंत्र अपने आप शुरू हो गया। तब से मैं गुरुदेव का ध्यान व मंत्र जाप कर रही हूँ। इसके पश्चात् भी मेरी तकलीफ बढ़ती जा रही थी। तब गुरुजी के पास आश्रम में जाकर अपनी समस्या बताई तो उन्होंने मेरे देवी-देवताओं द्वारा किये गये ताबीज व डोरे आदि सब खुलवा कर फिकवा दिये।

  • गुरुजी ने कहा कि "तुम्हारे शरीर में इतने दिन से कोई रह रहा है तो वह मकान खाली कराने पर तकलीफ होती है। वह तुम्हें कष्ट तो देगी ही। इसके पश्चात जब भी गुरुजी आश्रम में रहते थे, मैं उनके यहाँ दर्शन करने जाती रहती हूं। इसके पश्चात भी मेरे शरीर का कष्ट चलता रहा। इसी बीच मुझे चाय के बिना बिल्कुल नहीं रहा जाता था। चाय नहीं पीती थी तो सिर दर्द करता था। अचानक मेरी चाय भी छूट गई। फिर धीरे-धीरे मैं गुरुदेव के ध्यान से ठीक होने लगी। मेरा मंदिरों में जाना, तांत्रिकों के चक्कर लगाना, व्रत आदि सब छूट गये।

  • 6-7 साल बाद एक दिन कमर में अचानक दर्द हो गया। डॉक्टरों को दिखाने पर उन्होंने कहा-कि स्लिप-डिस्क है आराम करो और दवाइयाँ लो। तो एम.आर.आई टेस्ट करवाया जिसमें एल2 में स्लिप-डिस्क बताई गई जिसके कारण मेरा चलना-फिरना, हिलना-डूलना सब बंद कर दिया गया एवं मेरे दैनिक कार्य भी किसी के सहारे से करती थी और मैं मानसिक रूप से यह सोचती थी कि अब मैं कभी उठ नहीं सकूँगी और अपना स्वयं का कार्य भी नहीं कर सकूँगी। फिर मैने 6 महीने तक अलग-अलग न्यूरोफिजीशियन, ओर्थोपेडिशियन, एक्यूपंचर से भी इलाज कराया, परन्तु कोई फर्क नहीं पड़ा। फिर एक दिन ओर्थोपेडिशियन डॉक्टर से दवाइयॉ लेकर आई और रात को दवाई लेते ही मेरे शरीर में तड़पन लग गई। जैसे ही मैं दवाई खाती, मेरे शरीर में तड़पन बढ़ जाती थी।

  • एक दिन गुरुजी आश्रम आये हुए थे, घर पर बैठे ही मुझे यौगिक क्रियाएं शुरू हो गई और यौगिक कियाओं के चलते ही मैं आश्रम में गुरुदेव के पास चली गई। गुरुदेव ने मेरे सिर पर हाथ फेरकर प्यार से कहा कि सब ठीक हो जाएगा। सारी दवाइयाँ छोड़ दो और आराम करो। फिर मैंने सारी दवाईयाँ छोड़ दी और लेटे-लेटे मंत्र जाप व ध्यान करती रही जिससे मेरे शरीर में कई यौगिक क्रियाएं होती रही। इसके पश्चात् मैं धीरे-धीरे ठीक हो गई। अब मेरा कमर दर्द ठीक हो गया है। किसी प्रकार की चिन्ता नहीं लगी रहती है। मेरे परिवार के सभी सदस्य दीक्षित है। अतः आप सभी पाठक गणों से अनुरोध है कि श्रद्धा से गुरुदेव का ध्यान करने से सभी रोग धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। धैर्य रखना जरूरी है।

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