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चन्द्र प्रकाश मोदी

गुरुदेव की कृपा से पुत्र रत्न की प्राप्ति

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चन्द्र प्रकाश मोदी महावीर नगर, विस्तार योजना, कोटा

मैंने सोचा भी नहीं था कि इस जीवन में ऐसे गुरु मिलेंगे जो कि ईश्वर (कल्कि) अवतार के रूप में होंगे। ऐसे परम् सदगुरुदेव को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूँ। इससे पहले मुझे आध्यात्मिकता में रुचि थी, ध्यान भी करता था। पूजा पाठ भी करता था।

  • एक बार मैंने एक किताब में कुण्डलिनी के बारे में पढ़ा कि इसके जागरण होने से व्यक्ति नर से नारायण बन सकता है लेकिन यह किसी समर्थ गुरु के सानिध्य में ही संभव हो सकता है। इसी प्रकार जीवन चलता गया एक दिन ऐसा स्वर्णिम अवसर आया और मेरा भाग्योदय हो गया।

  • हमारे घर के पास एक दुकान है जहाँ राजकुमार खण्डेलवालजी ने मुझे अन्दर बुलाकर इस दर्शन की जानकारी दी तथा एक पर्चा दिया कि यह गुरुदेव है इनके चित्र से ध्यान करने पर जीवन की समस्त समस्याओं का अंत हो जाता है। तो मैंने उनके बताए अनुसार घर पर ध्यान किया तो मुझे अच्छा लगने लगा। दिन-प्रतिदिन एक आनंद महसूस होने लगा। मुझे लगा कि मुझे मेरी मंजिल मिल गई।

गुरुदेव से दीक्षा लेने के ठीक नौवें महीने के बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। अपार श्रद्धा उमड़ आई।
  • मेरी शादी हुए लगभग तीन वर्ष हो चुके हैं। परन्तु मेरे कोई संतान नहीं हुई थी। इसके लिये परेशान था। घर परिवार भी इसके लिए चिंता करते थे। डॉक्टर को दिखाया, पंडितों से पूछा सभी तरह के कार्य किए जो जिसने जैसा बताया वैसा ही किया परन्तु परिणाम नहीं मिला।

  • मैंने दिनांक 31 दिसम्बर 2009 को जोधपुर आश्रम में दीक्षा ली और वही प्रार्थना की- हे गुरुदेव ! मेरे कोई संतान नहीं है अगर मेरे संतान प्राप्ति हो गई तो मेरी आस्था एवं परिवार की आस्था और अधिक हो जावेगी।

  • उसी के बाद से ही गुरुदेव की कृपा प्रारम्भ होने लगी तथा उसके ठीक नौवें महीने बाद मेरे पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। सारा परिवार खुशी से झूम उठा। अपार श्रद्धा प्रकट हो गई। अभी मैं नियमित ध्यान करता हूँ। यौगिक क्रियाएँ होती हैं। अब मैं इस दर्शन के बारे में सभी को बताता हूँ। मेरी पत्नी पहले गुरुदेव के बारे में इतना नहीं समझती थी। मैं उससे ध्यान के लिये कहता था परन्तु उसको किसी गुरु पर विश्वास नहीं होता था।

  • परन्तु संतान प्राप्ति के पश्चात् वह पूर्ण समर्पित हो गई है। उसने बताया कि जब बच्चा हुआ था उस वक्त अस्पताल में चारपाई पर, स्वयं गुरुदेव आशीर्वाद देते हुए नजर आये। उससे पत्नी को बड़ा अच्छा लगा। श्रद्धा उमड़ गई कि ऐसे प्यारे गुरुदेव हर समय सबका ध्यान रखते हैं इसलिये यह बात पूर्ण सत्य साबित हो रही है कि गुरुदेव की कृपा से कोई कार्य असाध्य नहीं है। समस्त प्रकार के कष्टों से पूर्ण मुक्ति मिल रही है। ऐसे परम दयालु सदगुरुदेव को बारम्बार नमन करता हूँ!

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