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रोहित यादव

माइग्रेन की तकलीफ से निजात

पता

रोहित यादव गाँव-चिमनपुरा, तहसील- शाहपुरा (जयपुर)

सर्वप्रथम समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग व दादा गुरुदेव बाबा श्री गंगाईनाथ जी महायोगी (ब्रह्मलीन) को कोटि-कोटि प्रणाम। मुझे पिछले कई दिनों से खतरनाक सिरदर्द होता था। तीन साल पहले डॉक्टर ने मुझे बताया कि "तुम्हें माइग्रेन है और ये एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है।"

  • मैं हर सप्ताह उनके पास जाता और दवाईयाँ लेकर आता। कई बार तो नींद की दवाईयाँ लेने पर भी नींद नहीं आती थी। आधे सिर में खतरनाक दर्द होता था। जब मैंने जुलाई 2012 में इंग्लिश डिर्पाटमेंट, राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। तब लगभग एक साल ऐसे ही गुजर गया।

  • क्लास से मनमर्जी से उठकर आ जाना, पढ़ाई नहीं कर पाना और सिरदर्द से परेशान रहता था। कुछ ऐसी स्थिति थी मेरी। मेरे सहपाठी पंकज और सुबोध ने मुझे ध्यान के बारे में बताया, मैंने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। कुछ दिन बाद मैं शाम को कॉलेज के छात्रावास में, उनके कमरे में गया, वो ध्यान कर रहे थे।

तब उनके शरीर में यौगिक क्रियाएँ होती देखकर मैंने उनसे पूछा “ये तस्वीर किसकी है? और ये योग कैसे करते हो?" तब मेरे सहपाठी सुबोध ने मुझे ध्यान का तरीका बताया और मैंने उनके बताए अनुसार ध्यान करना शुरु किया। मैंने उसी दिन सीडी से गुरुदेव की आवाज में मंत्र सुना। और मंत्र जाप और ध्यान करना शुरू किया तो मुझे उसी दिन से यौगिक क्रियाएँ शुरू हो गयी।
  • मैं निरंतर ध्यान करने लगा। उसके बाद जुलाई 2013 को हम जोधपुर आश्रम में गुरु-पूर्णिमा के कार्यक्रम में गये और सदगुरुदेव जी के दर्शन किए। उस दिन मेरा आधा घण्टे तक ध्यान लगा और दिव्य आनन्द महसूस हुआ और मुझे गुरुदेव के दर्शन करके एक अजीब तरह की खुशी और शांति महसूस हो रही थी।

  • मैं उसके बाद से एकदम स्वस्थ हूँ। उसके चार-पाँच दिन बाद मैंने दवाईयाँ बन्द कर दी। अब आठ महीने से मैं एकदम स्वस्थ हूँ। एक बार फिर मैं मेरे परम दयालु सदगुरुदेव जी के चरणों में नमन करता हूँ।

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