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शुभेन्दु
मेरे जीवन में गुरुदेव का आगमन
पता
शुभेन्दु (21 वर्ष) जिला-लुधियाना (पंजाब)मैं बड़ा ही नारकीय जीवन जी रहा था, जीने की आशा ही नहीं थी, भगवान् से करुण प्रार्थना की कि हे भगवान्! या तो मौत दे दे या समर्थ सदगुरुदेव से मिला दे। मैंने उसी दिन नेट पर सर्च किया और पता नहीं कैसे गुरुदेव की वेबसाइट खुली और मुझे मिल गये समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलालजी सियाग।
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आज मैं महसूस करता हूँ कि करुण प्रार्थना में बल होता है। कार्य अति शीघ्र पूर्ण होता है। दिनांक 15 मई 2014 गुरुवार को जोधपुर आश्रम में आकर मेरे पूरे परिवार ने गुरुदेव के दिव्य दर्शन कर अपने आप को धन्य महसूस किया। सर्वप्रथम मेरा गुरुदेव व दादा गुरुदेव के श्री चरणों में बारम्बार प्रणाम।
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मेरा नाम शुभेन्दु है। पहले मैं शारीरिक और मानसिक तौर पर बीमार रहता था । इतना बीमार था कि मेरे बचने की हालत भी नहीं थी। डॉक्टर दवाईयाँ देते थे। उसके प्रभाव से मैं सोता रहता था। मैं ईश्वर से बहुत प्रार्थना करता था कि मुझे एक अच्छे गुरु जी मिल जाएँ जो मेरे जीवन का मार्गदर्शन करें। उसके पश्चात एक दिन मैं कम्प्यूटर पर बैठा गुरु जी को खोजने लगा।
अचानक श्री गुरुदेव जी की तस्वीर मुझे दिखी। मैंने उनका वीडिया देखा और आवाज भी सुनी। गुरु जी की दिव्य आवाज और चित्र से मेरे मन में आया कि अब इनसे अच्छे गुरुजी मुझे नहीं मिल सकते। उसी दिन से मेरा आत्मविश्वास बढ़ना शुरू हो गया। फिर मैंने इंटरनेट से गुरु जी से दिव्य मंत्र प्राप्त किया और निरंतर जप करने लगा और ध्यान भी करने लग गया। और उसके बाद मेरी बीमारी और समस्याएँ दूर हो गई।
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आज मेरे गुरु जी की मुझ पर असीम कृपा है। अब मुझे किसी प्रकार की बीमारी नहीं है। गुरु जी हर पल मेरी रक्षा करते हैं और मेरा मार्गदर्शन करते रहते हैं। मैंने अपने माता-पिता और अपनी बहन को भी गुरु जी के बारे में बताया और वो भी निरंतर करने लगे। मेरी बहन को ध्यान के दौरान एक दिन अचानक गुरुजी के नेत्रों में विष्णु जी के दर्शन हुए।
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इस प्रकार हर दिन ध्यान के दौरान उसे नई-नई अनुभूतियाँ हुई और दिव्य रूपों में गुरुजी के दर्शन हुए। एक दिन मेरी माता जी की पीठ में अचानक बहुत दर्द उठा जिससे उन्हें नींद भी नहीं आ रही थी। मैं उनके पास गया और गुरु जी का स्मरण करने के लिए कहा। तब उन्होंने मंत्र दीक्षा नहीं ली थी। वे आँख बंद करके गुरुजी का स्मरण करने लगीं। अचानक उन्हें नींद आ गई और उनका दर्द दूर हो गया।
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गुरुजी के ध्यान और नाम जप से मेरे पिता जी की घबराहट और ब्लड प्रेशर की समस्या में सुधार आ गया। वे हर समय परेशान रहते थे। लेकिन आज वे प्रसन्नचित, सदगुरुदेव के प्रति समर्पित, अपने व्यापार में लगे रहते हैं। मेरी माँ ने मेरी जीने की आशा को ही छोड़ दिया था कि यह आज नहीं कल चला जाएगा फिर हमारा एक ही तो बेटा है। हमारा जीवन नारकीय बन जाएगा। लेकिन परिवार में सदगुरुदेव के आगमन ने जीवन को खुशहाल और शांतिप्रिय बना दिया।
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सदगुरुदेव हमें इतने प्यारे लगते हैं कि उनकी किस तरह से महिमा करें। उजड़ते और नारकीय जीवन को दिव्यता की ओर अग्रसर कर दिया कल्कि भगवान् ने। मेरे गुरुजी साक्षात् परब्रह्म परमेश्वर हैं।