Image गवेन्द्र सिंह

गवेन्द्र सिंह

ब्रेनहेमरेज की तकलीफ से मुक्ति मिली

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गवेन्द्र सिंह भारतीय जल सेना मुम्बई

मैं गवेन्द्रसिंह भारतीय नौसेना में कार्यरत हूँ। नवम्बर 2011 में ब्रेन हेमरेज के कारण मेरा ऑपरेशन हुआ। मेरी याद्दाश्त बहुत कम हो गई थी और बोलने में तकलीफ होती थी। मैं अस्पताल में था, इसी दौरान एक मरीज ने बताया कि आप शाम को गार्डन में चलो और ध्यान करो तो आप ठीक हो जाओगे।

  • मैं गार्डन में जाकर ध्यान करने लगा। वहाँ गुरुभाई आये, वे ध्यान करवाते थे। दो-तीन दिन बाद मेरा ध्यान लगना शुरू हो गया व ध्यान के दौरान मुझे घुटने थपथपाना व होठों का मुवमेन्ट होने लगा। थोड़े ही समय में होठों का मुवमेन्ट होने से आवाज निकलने लगी व मेरा हकलाना लगभग बन्द हो गया।

  • एक दिन रात को मुझे लग रहा था कि आज मेरा आखिरी दिन है व मैं बुरी तरह डरने लगा, उसी दौरान गुरुदेव साक्षात् मेरे पास आ गये और मुझे पानी पिलाने लगे। मेरा पेट पानी से भर गया व मेरे नाक तक पानी आ गया। गुरुदेव मुझे पानी पिला रहे थे। मैं गुरुदेव से प्रार्थना करने लगा कि गुरुदेव अब बस करो।

इस सिद्धयोग से मेरा जीवन ही बदय गया। मन में नीरव शांति छा गई। असीम आनंद आता है। मन अति प्रसन्न रहता है। मैं निरन्तर गुरुदेव का ध्यान कर रहा हूँ और अभी स्वस्थ हूँ। गुरुदेव ने मुझे नया जन्म दे दिया। ऐसे दयालु सदगुरुदेव को बारंबार नमन करता हूँ।
  • यह मुझे न सपना था व न मैं नींद में था। साक्षात् गुरुदेव पास में खड़े थे। फिर गुरुदेव मुझे शेषनाग की शय्या पर दिखे और बाद में मैं बेहोश हो गया। तीन दिन बाद मेरी आँख खुली।

  • यह घटना जब में कारवार अस्पताल में था तब की हैं। फिर एक बार जब मैं अश्विनी अस्पताल में था, तब गुरुदेव आये व पानी पिलाने लगे। सुबह चार बजे तक मेरे साथ रहे। उसके बाद मैं गुरुदेव के प्रति ज्यादा समर्पित हो गया। सघन नाम जप व नियमित ध्यान करने लगा।

  • इस सिद्धयोग से मेरा जीवन ही बदय गया। मन में नीरव शांति छा गई। असीम आनंद आता है। मन अति प्रसन्न रहता है। मैं निरन्तर गुरुदेव का ध्यान कर रहा हूँ और अभी स्वस्थ हूँ। गुरुदेव ने मुझे नया जन्म दे दिया। ऐसे दयालु सदगुरुदेव को बारंबार नमन करता हूँ।

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