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शिवाकान्त पाठक

मिर्गी से मुक्ति

पता

शिवाकान्त पाठक सूरत (गुजरात)

सर्वप्रथम समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग एवं बाबा श्री गंगाईनाथजी योगी (ब्रह्मलीन ) के चरण कमलों में बारम्बार प्रणाम तथा गरुदेव से यही प्रार्थना करता हूँ कि मेरा सम्पूर्ण जीवन आपके ही चरण में समाहित हो।

  • मैं शिवकान्त पाठक सूरत में नौकरी करता हूँ और गुरुदेव से सन् 2009 से जुड़ा हुआ हूँ। जब 2009 में गुरुदेव जी सूरत आये थे और गुरुजी का दीक्षा कार्यक्रम चल रहा था, तब मैंने गुरुजी से दीक्षा मंत्र लिया। दीक्षा मंत्र लेने के दूसरे दिन से ही मुझे यौगिक क्रियाएँ होने लगीं। गुरुजी के अनेक रूपों में दर्शन होने लगे। दीक्षा मंत्र लेने के तीन दिन पहले गुरुदेव मेरे सपने में आये थे।

  • मैंने उनके चरण धोकर घर में पानी का छिंटा लगाया तथा चरणामृत लिया। पहले मेरा गहरा ध्यान लगता था लेकिन बीच में बीमार पड़ जाने से कुछ दिन के लिए ध्यान करना छोड़ दिया, पर गुरुजी की कृपा से मेरा नाता गुरुजी से टूट नहीं पाया और फिर से ध्यान लगना चालू हो गया।

गुरुजी साक्षात् भगवान् हैं, उनका जितना भी वर्णन करूँ, कम पड़ जाता है। गुरुजी के बारे में हम जैसे तुच्छ भक्त क्या लिख सकते हैं, वह तो सम्पूर्ण जगत् के पालनहार हैं। गुरुदेव द्वारा दिये गये संजीवनी मंत्र के सघन जाप व नियमित ध्यान से सभी रोग ठीक हो रहे हैं।
  • मेरे घर में तो गुरुजी की कृपा से सभी लोग सुखमय व आनंदमय जीवन जी रहे हैं। मेरी एक लड़की को मिर्गी की बीमारी हो गयी थी लेकिन मैंने गुरुजी का मंत्र वीडियो घर में चलवाकर गुरुदेव की आवाज में उसे मंत्र सुनाया और वह सघन मंत्र जाप करने लग गयी।

  • उसका भी ध्यान लगने लगा और यौगिक क्रियाएँ होने लगी तथा वह मिर्गी की बीमारी से पूर्णतः ठीक हो गयी। मेरा पूरा परिवार दीक्षित है और परिवार के सभी सदस्य सुबह-शाम ध्यान करते हैं। गुरुजी की कृपा से घर में सुख और शान्ति है। मैं तो सभी जिज्ञासु जनों से यही कहना चाहूँगा कि गुरुजी की तस्वीर से सुबह-शाम ध्यान अवश्य करें।

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