
हीरालाल पटेल
कोमा और गले की ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब का बाहर निकलना
पता
हीरालाल पटेल नवी, मुम्बईगुरुदेव के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। अश्विनी अस्पताल मुम्बई में हर रविवार को गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के तस्वीर से ध्यान व मंत्र जाप कराया जाता है। मैं हीरालाल पटेल D.S.C. में कार्यरत हूँ। मुझे 4 जून 2011 को टॉवर से गिरने के कारण, मेरे सिर में आंतरिक गहरी चोट लग गयी। मैं कोमा (बेहोशी) में चला गया था।
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मुझे मिलिट्री हॉस्पिटल कॉम्पटी में भर्ती कर दिया। मेरी गंभीर स्थिति को देखते हुए 28 जून 2011 को मुझे मुम्बई में नेवी के सबसे बड़े INHS अश्विनी अस्पताल में स्थानान्तरित कर दिया। वहाँ मुझे आई सी यू में रखा गया। मुझे Trachostomy Tube लगा दिया व Ryles Tube (For Feeding) लगा दी व Catheter डाला क्योंकि पेशाब रुक जाता था।
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कई दिनों बाद मैं होश में आया। लेकिन मेरी स्थिति ठीक नहीं थी। डॉक्टरों ने मुझे कह दिया कि गले की यह ट्यूब कभी भी नहीं निकल सकती है। जब तक जियोगे, ट्यूब लगी रहेगी। Blood Soakage bag लगाया। I.V. Line चल रहा था।
गुरुदेव की सिद्धयोग की शक्ति से यह सब कुछ संभव हुआ। सुखी लकड़ी में कोंपलें फूटी अर्थात् मेरी गले की ट्रेकोस्टोमी ट्यूब निकल गयी। खाने की नली निकल गई और अब मैं पूर्णतः ठीक हूँ।
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मुझे Wheel chair पर पत्नी गुरुदेव का ध्यान कराने के लिए पार्क में लेकर गयी। मैंने 20 अगस्त 2011 से गुरुदेव का ध्यान करना शुरू किया। मैं 15-20 दिन बाद चलने लगा। 1 मार्च 2012 को मेरा Trachostomy Tube हट गया व मैं अभी एकदम स्वस्थ हूँ। जैसे ही मैं ध्यान करना शुरू करता हूँ तो पीछे की ओर गिर जाता हूँ। शरीर में कम्पन होने लग जाती है।
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मैं नियमित नाम जप व ध्यान करता हूँ। ज्यों ज्यों मेरी गुरुदेव के प्रति आस्था बढ़ती गई, मेरी बीमारी में सुधार होता गया और आज एकदम स्वस्थ हूँ। मेरी यह बीमारी ऐसी ही थी जैसे सूखी लकड़ी में कोंपलें नहीं फूटती हैं लेकिन गुरुदेव की कृपा से आज मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ।
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गुरुदेव की सिद्धयोग की शक्ति से यह सब कुछ संभव हुआ। सुखी लकड़ी में कोंपलें फूटी अर्थात् मेरी गले की ट्रेकोस्टोमी ट्यूब निकल गयी। खाने की नली निकल गई और अब मैं पूर्णतः ठीक हूँ।