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रवि कुमार शर्मा

समर्थ गुरुदेव के पावन मिलन से जीवन को एक नई दिशा मिल गई।

पता

रवि कुमार शर्मा गांव- करनीकोट, तहसील- मुण्डावर, जिला-अलवर (राज.)

मैं रवि कुमार शर्मा अलवर (राज) का हूँ। मैं पिछले दस वर्षों से दिल्ली में रह रहा हूँ। दिल्ली मैं एम.बी.ए करने के लिए गया था जो मैंने 2010 में पूरी की। जब गाँव से दिल्ली गया तो मैं बहुत आगे बढ़ना चाहता था।

  • एम.बी.ए पूरा होने के बाद भी बहुत परेशान था। ना कोई दिशा मिल रही थी जीवन में, ना कोई मार्ग दर्शक था, जिन्दगी में। बहुत उथल-पुथल चल रही थी। समझ में नहीं आ रहा था कि जीवन में शांति और आनंद कब मिलेगा? दिनों दिन अशांति बढ़ती ही जा रही थी।

  • किसी मिलने वाले ने श्री सदगुरुदेव सियाग जी के बारे में बताया तो विश्वास नहीं हुआ। वैसे ही बात को टाल दिया। परन्तु 5-6 महीने बाद, मैं ऐसा फंस गया और मुझे लगा कि मेरी मदद करने वाला कोई नहीं है। मैं इस जंजाल से कैसे निकलूं?

उस समय गुरुदेव की याद आयी और मन में सोचा और प्रार्थना की कि अगर गुरुदेव मेरी इस समस्या का समाधान कर दोगे तो मैं आपको गुरु मान लूँगा। मेरी उस समस्या का समाधान हो गया।
  • मई 2017 को मैंने गुरु दीक्षा ली परन्तु कुछ दिन बाद पता लगा कि गुरुदेव ब्रह्मलीन हो गये हैं। उस समय मुझे बहुत दुःख हुआ। उसी रात गुरुजी मेरे स्वप्न में आये और उन्होंने पहनने के लिए मुझे एक कोट दिया, ऐसा लगा कि गुरुदेव से मैं - आपने-सामने बात कर रहा हूँ।

  • जब से मैंने दीक्षा ली है, उसके बाद से मेरे सारे काम स्वतः ही होने लग गये हैं। जीवन में एक नई दिशा मिल गई है, हमेशा खुश रहने लगा हूँ, आत्मविश्वास बहुत बढ़ गया है, यह सब गुरुदेव के आशीर्वाद से हुआ। सदगुरुदेव के पावन श्री चरणों में कोटि कोटि नमन्।

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