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बाबु लाल

दुविधाओं पर विजय पायी-सिद्धयोग से

पता

बाबु लाल सुपुत्र श्री घेवरराम जी गाँव- भाकरी वाला, जिला-पाली (राज.)

सर्वप्रथम कल्कि अवतारी समर्थ सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग और दादा गुरुदेव बाबा श्री गंगाईनाथ जी योगी (ब्रह्मलीन ) के श्री चरणों में दण्डवत प्रणाम। मैंने सदगुरुदेव के बारे में सन् 2012 में सुना था। मेरे मामाजी का लड़का अचानक बीमार हो गया था। उसने सदगुरुदेव का नाम जप व ध्यान शुरू किया था। उसके बाद उसके जीवन में बहुत बदलाव आया। कुछ समय के लिए वह मेरे घर पर रुका था। वह गुरुदेव का नाम-जप व ध्यान करता था। उसके पास गुरुदेव का कैलेण्डर था। उसने कैलेण्डर को मेरे घर पर टांग दिया था। मैंने कैलेण्डर को देखा तो उसमें लिखा था कि संजीवनी मंत्र के जप व नियमित ध्यान करने से एड्स व कैंसर सहित सभी रोगों व नशों से पूर्ण मुक्ति मिल जाती है।

  • लेकिन हमने मूर्खतावश उस समय गुरुदेव के प्रति अपशब्द कहे किये कि सब ठगने का नया तरीका है, इससे कोई फायदा नहीं होता है। सिर्फ धन्धा है। लेकिन हमें क्या पता कि ये साक्षात् दसवें अवतार कल्कि हैं।

  • सन् 2014-15 में, मैं एक बहुत ही बुरे दौर से गुजरा था, मेरी परिस्थिति अचानक विपरीत हो गई। मेरे घर वालों के ऊपर समाज के लोगों ने बुरा बर्ताव करना शुरु कर दिया। मेरे परिवार को तरह-तरह की यातनाएँ दी गई। मेरी पढ़ाई लगभग खत्म हो गई थी, क्योंकि पैसों का इंतजाम करने के लिए मैंने पशुपालन का कार्य शुरू कर दिया था। मैं मेरे पिताजी के साथ भेड़ों को पालने के लिए उतर प्रदेश चला गया। मैं जनवरी 2015 में वापस घर आया। मेरा परिवार तो जून 2014 से समाज से बहिष्कृत था।

मेरे दोस्त जो अब गुरुभाई है, ने मुझसे कहा कि बाबुलाल कैसे हो? मैंने अपना बुरा हाल जब उनको बताया तो उन्होंने मुझे गुरुदेवजी का कार्ड दिया और कहा कि तुम आज शाम को गुरुदेव जी से प्रार्थना करना कि, हे गुरुदेव जी! मुझे इन गम्भीर समस्याओं से मुक्त करो। मैंने वैसे ही किया। 15 मिनट संजीवनी मंत्र के साथ ध्यान किया। आश्चर्य की बात तब घटी जब मेरे परिवार को समाज के लोगों ने मात्र 24 घंटे में ही समाज में शामिल कर लिया। इसके बाद मेरा गुरुदेव जी के प्रति गहरा विश्वास हो गया।
  • एक दिन वो आश्रम जा रहे थे, यह बात 5 फरवरी 2015 की है, उन्होंने कहा कि आप आश्रम चलोगे?, तब मैं उनके साथ ए.वी.एस.के. जोधपुर आश्रम आ गया।

  • आश्रम में आकर मैं असीम आनन्द में डूब गया। गुरुदेव जी से जुड़ने से पहले मुझे हर समय खाँसी होती थी, इसलिए मुझे लोग टी.बी. लाल भी कहते थे। साथ ही मुझे बादलों से बहुत डर लगता था, मेरी हालत यह हो गई थी कि जैसे ही बादल छा जाते थे, मुझे गहरी चिन्ता घेर लेती थी कि मेरे पिताजी का क्या होगा? मुझे चिन्ता रहती थी कि नुकसान हो जायेगा। पहले मैं दोनों आँखों में मोतिया बिन्द होने के कारण से बहुत परेशान था। जैसे ही मैं पढ़ाई करने बैठता था तो मेरी दोनों आँखों में जलन होने लगती थी, यहाँ तक कि मुझे धुंधला दिखाई देता था लेकिन जैसे ही समर्थ गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग से शक्तिपात दीक्षा लेकर सुबह-शाम ध्यान और मंत्र जपना शुरू किया तो फिर यह सभी समस्याएँ धीरे-धीरे गायब होती गईं।

  • आज जीवन की स्थिति यह है कि मैं शारीरिक और मानसिक रूप से एकदम स्वस्थ हूँ और दिव्य आनंद महसूस करता हूँ। गुरुकृपा से अब मुझे कोई समस्या नहीं है। मैं गुरुदेवजी की कृपा से आर्थिक रूप से भी ठीक हूँ, क्योंकि गुरुकृपा से वर्तमान समय में एक निजी विद्यालय में एक अध्यापक के रूप में सेवाएँ दे रहा हूँ। - मैं जयनारायण व्यास विश्व विद्यालय जोधपुर से एम.ए. प्रीवियस की पढ़ाई कर रहा हूँ, और मैं अभी गुरुदेव के परम दिव्य सिद्धयोग दर्शन का प्रचार-प्रसार करता हूँ।

  • परम कृपालु सदगुरुदेव भगवान् का दिव्य मिशन विश्व दर्शन होगा। अंत में मेरी गुरुदेव जी से यही करुण प्रार्थना है कि उनकी असीम कृपा सदा बनी रहे।

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