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देवानंद गहलोत

सिजोफ्रेनिया, मानसिक तनाव, अनिद्रा और भय से मुक्ति।

पता

नागौर, राजस्थान, भारत

सर्वप्रथम सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग एवं दादा गुरुदेव श्री गंगाईनाथ जी महाराज के चरणों में कोटि कोटि नमन!

  • मैं (देवानन्द गहलोत) मई 2018 से मानसिक तनाव, फोबिया (अकारण अत्यधिक चिंता व भय लगना), सिजोफ्रेनिया, अनिद्रा और पैनिक अटैक्स जैसी भयंकर समस्याओं से ग्रसित होने के कारण चिकित्सालयों के चक्कर लगा रहा था। धीरे धीरे और भी कई शारीरिक बीमारियाँ होनी शुरू हो गयीं, जितनी बीमारियाँ उतनी दवाइयाँ। दिन भर बैग में दवाइयाँ साथ रखनी पड़ती थीं।

  • फिर एक दिन अगस्त 2019 में मेरे सहकर्मी भाटी जी के घर जाना हुआ तो वो शाम को गुरुदेव की तस्वीर के आगे ध्यान कर रहे थे और योग कर रहे थे। घर आकर सोचा कि ये तो वो ही गुरुदेव हैं जिनका ध्यान पड़ोस के अंकल जी और उनके घर वाले भी करते हैं। जिज्ञासावश भाटी जी को फोन करके पूछा कि आप किस का ध्यान कर रहे थे तो उन्होंने बताया की ये गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग की तस्वीर ही ध्यान और योग करवा रही थी, मैं तो बस बैठा था, फिर गुरुदेव के बारें में पूरी जानकारी दी और बताया कि लाखों लोगों की हर बीमारी बस इनकी तस्वीर के ध्यान से ठीक हो रही है। पहले आपको समझ में नही आएगा, आप खुद अनुभव करो।

  • फिर अगले दिन मैं पड़ोसी के घर गया और उनसे गुरुदेव के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने एक स्पिरिचुअल साइंस पत्रिका और गुरुदेव की फोटो देकर कहा की ध्यान अनुभव करने की चीज है।

  • मैंने ध्यान करना शुरू नहीं किया, फिर बीमारी और ज्यादा बढ़ी तो एक दिन स्पिरिचुअल साइंस पत्रिका पढ़ी जिसमें बिलकुल मेरी तरह एक गुरुभाई के समस्या थी उनका अनुभव पढ़ा जो पूरी तरह ठीक हो चुके थे, मेरे मन में भी विश्वास जगा, और फरवरी 2020 से ध्यान करना शुरू किया। लेकिन ध्यान नहीं लगा।

  • फिर तीन चार दिन तक कोशिश की, फिर भी नहीं लगा लेकिन मुझे दवाईयों की आवश्यकता नहीं पड़ रही थी जो चमत्कारिक लगा क्योंकि वो दवाईयाँ तो नशे की रहती हैं जो लेनी ही पड़ती हैं, अचानक छोड़ नहीं सकते। ध्यान न लगने के कारण गुरुदेव के जोधपुर आश्रम के नम्बर पर फोन किया। आश्रम से एक साधक ने कहा कि आप तो हर समय सघन मन्त्र जपो, ध्यान लगाने का काम तो गुरुदेव का है आप तो बस 15 मिनट के लिए प्रार्थना करके बैठो।

    एक दिन यूँ ही गुरुदेव की वेबसाइट www.the-comforter.org खोली और उसमें उपलब्ध स्पिरिचुअल साइंस पत्रिका के सारे संस्करण पढ़ लिए। हर पत्रिका में मेरे मन में उठने वाले सवालों के जवाब मिलते गए और आस्था दृढ़ होती गयी।
  • 10 दिन तक करने पर भी ध्यान नहीं लग रहा था और मानसिक जाप में भी परेशानी आ रही थी तो मैंने परेशान होकर मेरे सहकर्मी गुरुभाई को फोन किया तो उन्होंने कहा कि आप ध्यान की चिंता मत करो, ध्यान लगेगा तब लग जायेगा।

  • फिर अचानक एक दिन बीमारी बहुत बढ़ गयी तो मैंने घबराकर फिर फोन किया तो उन्होंने समझाया कि एक बार हमारे अंदर की नकारात्मक शक्यिाँ विरोध करती हैं, आप विश्वास रखो कुछ नहीं होगा, बस प्रार्थना करो। मैंने प्रार्थना की तो बस प्रार्थना मात्र से ही मेरा मन शांत हो गया। एक दिन विचार आया कि हर प्रार्थना सुनकर अविलम्ब चिंता हरने वाले गुरुदेव के रूप में स्वयं कृष्ण भगवान् ही हैं लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं और सामने पड़ी भागवत गीता के कुछ पन्ने पलटे तो एक श्लोक दिखा जिसमें लिखा था:-

    अवजानन्ति मां मूढा, मानुषीं तानुमाश्रितम।
    परं भावमजानन्तो, मम् भूतमहेश्वरम्।।

    ‘‘जब मैं मनुष्य रूप में अवतरित होता हूँ, तो मूर्ख लोग मेरा उपहास करते हैं। वे मुझ परमेश्वर के दिव्य स्वभाव को नहीं जानते।’’
    अनन्याष्चिन्तयन्तो, मां ये जनाः पर्युपासते।
    तेषां नित्याभियुक्तानां, योगक्षेमं वहाम्यहम्।।

    ‘‘किंतु जो लोग अनन्यभाव से मेरे दिव्यस्वरूप का ध्यान करते हुए निरन्तर मेरी पूजा करते हैं, उनकी जो आवश्यकताएँ होती हैं, मैं उन्हें पूरा करता हूँ और जो कुछ उनके पास है, उसकी रक्षा करता हूँ।’’

  • अब मुझे पूरा विश्वास हो गया कि भगवान् ने गुरुदेव के रूप में अवतार ले लिया है, और गुरुदेव का ध्यान करता रहा।

  • एक दिन मन में विचार आया कि क्या ध्यान से पाप भी कटते हैं, तभी एक श्लोक पढ़ा सामवेद के ध्यानबिंदुपनिषद का:-

    यदि शैलसम पापं, विस्तीर्ण बहुयोजनम।
    भिघ्यते ध्यानयोगेन, नान्यों भेदरू कदाचन।।

    अर्थात कई योजन तक फैला हुआ पहाड़ के समान यदि पाप हो तो भी वह ध्यानयोग से नष्ट हो जाता है, इस योग के समान पापों को नष्ट करने वाला कभी कुछ नहीं हुआ।

  • जो भी शंका, सवाल मन में उठे गुरुदेव ने किसी न किसी रूप में उसका उत्तर दे ही दिया। अभी चार महीने ही हुए हैं लेकिन मुझमें निरन्तर अभूतपूर्व सुधार हो रहा है, मुझे इस दौरान जो भी परेशानियाँ आयीं उनका भी निवारण स्पिरिचुअल साइंस पत्रिका में मुझे मिला।

  • प्रत्येक साधक के मन में उठने वाले सवालों के जवाब गुरुदेव के अध्यात्म विज्ञान सत्संग केंद्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित स्पिरिचुअल पत्रिका में या फिर उनके किसी न किसी वीडियो में मिल ही जाते हैं, उनके वीडियो YouTube channel - Gurudev Siyag's Siddha Yoga - GSSY नाम से उपलब्ध हैं।

  • मुझे फोबिया, इनसोम्निया (अनिद्रा), एंग्जायटी, सिजोफ्रेनिया आदि मानसिक रोगों की शिकायत थी जो आज (सितम्बर 2020) पूर्णतः समाप्त हो चुकी है। अतः मेरा आप सभी से आग्रह है कि रोग मुक्ति और आध्यात्मिक उत्थान हेतु गुरुदेव सियाग सिद्धयोग को अपनाएं क्योंकि इससे सरल और सहज आराधना और कोई नहीं है। ईश्वर प्राप्ति और साक्षात्कार का भी इससे सरल मार्ग और कोई नहीं हो सकता।

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