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वी. राजशेखर

टेस्टिकल का कैंसर ठीक हुआ।

पता

मदुरई, तमिलनाडु, भारत

मेरा नाम वी. राजशेखर है। मैं मदुरई, तमिलनाडु से हूँ और इस समय भारतीय वायु सेना में, जामनगर में कार्यरत हूँ। मेरी शादी हो चुकी है और एक डेढ़ साल का बच्चा भी है। मेरी समस्या तब शुरू हूई जब मेरे दाहिने तरफ की टेस्टिकल में सूजन आ गई। शुरूआत में डाॅक्टरों ने इसे ‘फिलारिस’ समझकर उपचार किया परन्तु समस्या वहीं की वहीं बनी रही। बाद में डाॅक्टरों ने जाँच करने पर पाया कि ये ‘हाइड्रोसील’ है और मार्च 2008 में इसका ऑपरेशन हुआ। इसके बावजूद समस्या बनी रही।

  • इसके अलावा मुझे सात महीने तक ट्यूबरक्यूलोसिस के लिए भी दवाईयाँ दी गईं। 2009 में मुझे अश्विनी अस्पताल, मुम्बई में भर्ती कर लिया गया। टाटा मेमोरियल अस्पताल से खून की जाँच कराने पर पता चला कि ट्यूमर है। इसलिए 26 अगस्त, 2009 को आरक्योक्टोमी की गई।

  • मुझे भगवान में हमेशा से ही दृढ़ विश्वास रहा परन्तु मैं यह स्वीकार नहीं कर पाया कि मुझे कैंसर हो गया है और इसलिए मेरा विश्वास टूट गया। सौभाग्य से मेरी मुलाकात मनवीर नाम के व्यक्ति से हुई जो गुरुदेव सियाग सिद्धयोग से होने वाले चमत्कारों से परिचित था। उसने मुझे इस सिद्धयोग के बारें में बताया जो हर प्रकार की असाध्य बीमारियों जैसे कि एड्स, कैंसर आदि को ठीक करने का दावा करता है। उसने मुझे अध्यात्म विज्ञान सत्संग केन्द्र के संस्थापक गुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के बारे में भी बताया। मैं इस सब पर पूरी तरह से विश्वास नहीं कर पाया पर फिर भी मैंने पूरी लगन से ये साधना शुरू कर दी।

तीन दिन की साधना के बाद ही मुझे गुरुदेव सियाग की तस्वीर पर ध्यान की शक्ति महसूस हुई जिससे कि मैं दिन प्रतिदिन बेहतर महसूस करने लगा। जैसे-जैसे समय बीतता गया, मैं गुरुदेव सियाग पर पूरी तरह आश्रित होता गया। तब मैंने जाना कि इस सिद्धयोग के फायदे पूरी तरह इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपका गुरुदेव में कितना विश्वास और श्रद्धा है।
  • मैंने गुरुदेव से इस विश्वास के साथ अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रार्थना करने लगा कि वो सुनी जाएंगी और पूरी भी की जाएंगी। और वही हुआ। अस्पताल से मिलने वाले मेरे उपचार की अवधि के आधा समय निकल जाने के पश्चात, दवाईयों का असर जानने के लिए कुछ जाँच की गई। इन जाँचों के परिणाम विस्मयकारी थे। सभी मानक सीमा के अन्दर थे एक स्वस्थ आदमी की तरह। इस प्रकार मुझे मेरा जीवन वापस मिल गया।

  • इसके साथ-साथ मैं ये भी बताना चाहूँगा कि गुरुदेव सियाग सिद्धयोग की साधना से मुझे अध्यात्म से जुड़ी बहुत सी चीजें प्राप्त हुईं। इसके अलावा इस साधना से मिली शक्ति के कारण मैं थोड़े समय में ही धूम्रपान, शराब व तम्बाकू की लत से मुक्त हो गया। अब मैं यह कह सकता हूँ कि भगवान ने ये कष्ट मेरे जीवन में देकर मुझे इस सांसारिक जीवन में रहते हुए आध्यात्मिक जीवन जीना सिखाया।

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