सितम्बर, 2017 में मुझे सर दर्द की शिकायत हुई। मैंने डाॅक्टर को दिखाया तो उन्होंने कुछ दवाईयाँ दी और घर भेज दिया। थोड़ा फर्क पड़ा पर कुछ ही दिनों में असहनीय दर्द शुरू हो गया। कुछ समय बाद बाईं आँख से दिखना बंद हो गया।

  • जोधपुर,एम्स के डाॅक्टरों को दिखाया तो उन्होंने कहा कि यह एक असाध्य रोग है इसका कहीं भी इलाज नहीं है। उन्होंने बताया एक इन्जेंक्शन जो 6 हजार रूपये का आता है, उसको लेने से शायद कुछ फर्क पड़े। मैंने ऐसे तीन इन्जेंक्शन लिए पर कोई फर्क नहीं पड़ा। दर्द बढ़ता ही गया।

  • फिर मथुरादास माथुर हाॅस्पिटल में और एएसजी जोधपुर अस्पताल में दिखाया परन्तु कोई फायदा नहीं हुआ।

  • फिर ताराबाई देसाई आई हाॅस्पिटल में नेत्र विशेषज्ञ डाॅक्टर राजीव देसाई को दिखाया, उन्होंने जाँच करने के बाद बताया कि- ‘‘इसका इलाज संभव नहीं हैं।’’ फिर भी उन्होंने एक इन्जेंक्शन, जिसकी कीमत 36 हजार रूपये है, लगाने की सलाह दी। इसको लगाने पर थोड़ी राहत मिली पर फिर असहनीय दर्द शुरू हो गया।

  • अब तक मैं और मेरे पति हताश हो चुके थे। हमारी गरीबी हालत को देखते हुए डाॅक्टर राजीव देसाई ने कहीं भी और नही दिखाने की सलाह दी।

एक दिन कुछ कागजात को खोजते समय मेरे पति को सदगुरुदेव सियाग की एक पुस्तक मिली जिसे उन्होंने पढ़ा। उसमें गुरुदेव के कर कमलों से लिखी आराधना की बातें, मंत्र, कुण्डलिनी जागरण, सिद्धयोग दर्शन और इसके अलावा गुरुदेव के ध्यान और संजीवनी मंत्र के जाप से सभी प्रकार की बीमारियाँ ठीक हो जाती हैं की जानकारी थी।

तुलसी देवी

— जीएसएसवाई साधक जिसको एक लाइलाज नेत्र रोग (एक आँख से दिखाई न देना) था, पूरी तरह से ठीक हुआ।
  • मेरे पति को तुरन्त ही गुरुदेव में विश्वास हो गया इसलिए हम 27 जूलाई, 2018 गुरु पूर्णिमा के दिन जोधपुर आश्रम आये और दीक्षा ली। मैंने ध्यान और संजीवनी मंत्र का सघन जाप शुरू कर दिया।

  • इसका यह परिणाम हुआ कि अब मैं पहले से बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ और मुझे दिखना शुरू हो गया है।

  • मुझे अन्दर से बहुत शान्ति महसूस होती है। गुरुदेव में पूर्ण विश्वास होने के कारण मुझे मंत्र जाप और ध्यान से आनन्द आता है।