Image बद्रीनारायण

पता

बोरानाडा, जोधपुर (राज), भारत

मैं बद्रीनारायण पुत्र श्री जोरारामजी, मुझे कई दिनों तक बुखार आने पर दिनांक 13.09.2001 को डाॅ. सी. पी. माथुर को दिखाया व खून टेस्ट करवाया तो एच.आई.वी. पाॅजीटिव बताया। डाॅक्टर ने जो दवाईयाँ दी वो लेता रहा। लेकिन बीमारी ठीक नहीं हुई व निरन्तर स्वास्थ्य गिरता गया व बीमारी ने गंभीर रूप ले लिया। पूरे शरीर में गांठे हो गई व शरीर पूरा बुरी तरह से सूज गया। तब मेरे सालाजी बगतारामजी ने मेरे को दूसरे डाॅक्टर एम. के. सिंघवी को दिनांक 12.05.2003 को दिखाया व मुम्बई से खून टेस्ट करवाया।

  • डाॅक्टर साहब ने बताया कि ‘‘एड्स रोग ने भंयकर रूप ले लिया है अतः आप इसे घर ले जाओ, ये कुछ ही घंटों का मेहमान है।’’

  • उसी समय मेरे एक पड़ोसी श्री गंगाराम मुझसे मिलने के लिए अस्पताल आये वे मेरी खराब हालत को देखकर बहुत चिंतित हुए व उन्होंने मेरे को कहा कि अस्पताल की दवाईयों से आप ठीक नहीं हो सकते, क्योंकि एड्स लाईलाज बीमारी है।

आप हमारे सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग साहब के फोटो का ध्यान करो तो बिल्कुल ठीक हो सकते हो। तब उन्होंने सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग के फोटो को मेरे बेड के ऊपर टांग दिया व मुझे आज्ञा चक्र पर उनका ध्यान करने को कहा व मैंने ध्यान लगाना शुरू कर दिया तो ध्यान लगना शुरू हो गया व यौगिक मूवमेन्ट होने लग गये। चार दिन के अन्दर शरीर की पूरी सूजन उतर गई।

बद्रीनारायण

— जीएसएसवाई साधक एक लाइलाज बीमारी एड्स से पूरी तरह से ठीक हुए
  • मैं लगातार अस्पताल में बेड पर सोते-सोते निरन्तर ध्यान लगाता रहा। एक माह 20 दिन बाद मैं बिल्कुल ठीक हो गया— चलने फिरने लग गया व खाना खाने लग गया। पहले मेरा वजन 43 किलो था फोटो पर 20 दिन के ध्यान के बाद में 5 किलो वजन बढ़कर 48 किलो हो गया।

  • फिर मैंने कोटा में सदगुरुदेव श्री रामलाल जी सियाग से दिनांक 22.05.2003 को शक्तिपात दीक्षा ली व निरन्तर ध्यान व नाम जप किया। आज मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ हूँ। अब मेरा वजन 56 किलो हो गया है।

  • तथा मैंने दिनांक 07.07.2003 को मुम्बई से उसी लेबोरेटरी से वापिस टेस्ट करवाया व रिपोर्ट डाॅक्टरों को बताई तो उन्होंने पहले बीमारी के समय की रिपोर्ट व अभी की टेस्टींग की रिपोर्ट का मिलान कर के बताया कि, ‘‘पहले बीमारी के समय आपका C.D.4 काउन्ट कम होकर 121/GL तथा C.D.8 बढ़कर 79.7 हो गई तथा C.D.4/C.D.8 का रेश्यो गिरकर 0.11 हो गया था ।

  • अब बिना किसी दवा के लिये आपका C.D.4 काउण्ट बढ़कर 277/GL तथा C.D.8 घटकर 58.2 हो गया है तथा C.D.4/C.D.8 का रेश्यो (अनुपात) भी बढ़कर 0.33 जो कि हमारी विज्ञान के अनुसार असम्भव है इस हेतु आश्चर्य व्यक्त किया व कहा कि यह रोग तो आपके गुरुदेव ही ठीक कर सकते हैं’’।

  • अतः मेरा (बद्ररीनारायण) इस रोग से पीड़ित लोगों से निवेदन है कि सदगुरुदेव द्वारा बताये गये नाम जप व ध्यान से आपके शरीर में जो रोग है वो गुरुदेव द्वारा संचालित योग के द्वारा अपने आप ही बिना किसी दवाई के खत्म हो जायेगें, यह मेरा अटल विश्वास है।

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